Facebook Like ( Like करे )
शरहद पार के पडोसी ....
to listen audio,click here. ( ऑडियो सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे)
शरहद पार पडोसी ख़फ़ा है, ज़मीन के एक टुकड़े के लिए,
जो कुछ बरस पहले तारा था , कुछ बरस बाद तारा होगा,
ना कभी हमारा था, ना कभी तुम्हारा होगा.
ज़रा ठहरो और सोचो,
की दोनों और....
काला अँधेरा आधी रोटी और हालत बेहाल है,
वक़्त की इस चादर में फिर भी एक धागा लाल है.
लाल लहू उस लड़के का , जिसका यौवन बस गुजर गया.
लाल लहू उस लड़की का, जिसका सिन्दूर उजड़ गया.
लाल लहू उस बच्चे का,जिसने चलना बस सिखा था.
लाल लहू उस मेहँदी का, जिसका रंग अभी भी फीका था.
कभी ख़ुदा, कभी ज़मीन के नाम पर, कितने मरे ,कितने जिये.
शरहद पार पडोसी ख़फ़ा है, ज़मीन के एक टुकड़े के लिए.....
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Nitin Jain. (No copy Rights ). Powered by Blogger.
पेज अनुवाद करें. ( TRANSLATE THE PAGE )
Blog Archive
कुछ कविताएँ जिन्होंने बहुतों को छुआ..
-
to listen audio,click here. ( ऑडियो सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे) प्रेम ही तो किया था, खुद जैसे किसी से. बस परिभाषा भूल गया. राधा...
-
to listen audio,click here. ( ऑडियो सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे) छन भर का कवी हूँ,पर कविता मेरी छणिक नहीं . मैं तो यौवन खो दूं...
-
to listen audio,click here. ( ऑडियो सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे) कभी तू लडती है , तो कभी मैं लड़ता हूँ. पर लड़ाई के इस क्षितिज पर,...
-
to listen audio,click here. ( ऑडियो सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे) जब देखता हूँ, उन नन्हे हाथों को. जिनकी सीमाये बस दो कदम है. जि...
-
to listen audio,click here. ( ऑडियो सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे) भाई चलो ना साथ रहते है , घर क्यूँ बाटते हो. हमेशा से हम करीब थे,आज...
-
to listen audio,click here. ( ऑडियो सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे) मैं लिखता हूँ.. उन रंगों को , जो छू से जाते है. उन सपनो को, जो ...
-
to listen audio,click here. ( ऑडियो सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे) उस नन्ही चिड़ियाँ को, ना डर ढलती शाम से. शायद उसे पता है , वो भ...
-
to listen audio,click here. ( ऑडियो सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे) कल सिर्फ मैं था और तुम थी , आज ये जात कहा से आ गयी. तब हम थे ,ह...
-
to listen audio,click here. ( ऑडियो सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे) तुम बिन सब फीका है. सब रंग . सारे राग . रात की गहराई. और सांझ ...
-
to listen audio,click here. ( ऑडियो सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे) शरहद पार पडोसी ख़फ़ा है, ज़मीन के एक टुकड़े के लिए, जो कुछ बरस पहले तारा...
2 comments:
Faaru bhai...last para is really mindblowing...JABARJST guru...!!!
thank you Krish :)
listen "prem yudhh ",,,.... u will like it !!
Post a Comment